- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी एवं उच्च शिक्षा केंद्रों का संचालन में सहयोग करना ।
- दिव्यांग बच्चों/व्यक्तियों की प्रारंभिक पहचान करना ।
- यथासंभव ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर दिव्यांगजन को शिक्षण प्रशिक्षण हेतु प्रवेश के लिए सुझाव देकर शिक्षा से जोड़ना ।
- दिव्यांगता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना ।
- मानसिक, मूक-बधिर, नेत्रहीन एवं बहू दिव्यांगता बच्चों को विशेष शिक्षा प्रदान करना।
- दिव्यांगता के क्षेत्र में ग्रामीण व शहरी स्तर पर सलाह और परामर्श देना।
- वाक एवं भाषा दोष वाले बच्चों को वाक चिकित्सा प्रदान करना ।
- मानसिक मस्तिष्क पक्षाघात एवं शारीरिक दिव्यांग बच्चों के लिए भौतिक चिकित्सा प्रदान करना।
- दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बना कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ना।
- दिव्यांगों को खेलकूद में बढ़ावा देना।
- दिव्यांगों के स्वावलंबन हेतु कार्य करना ।
- दिव्यांग बच्चों हेतु विशेष शिक्षा प्रदान करना।
- दिव्यांगजन हेतु अवरोध रहित वातावरण प्रदान करना।
- दिव्यांग बच्चों के व्यवसायिक स्तर को सुदृढ़ करने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना।
- प्रभावित बच्चों को आवश्यक सुविधा प्रदान करना।
- युवा दिव्यांग व्यक्तियों को स्वरोजगार हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण दिलवाना एवं उनके पुनर्वास के लिए परामर्श देना ।
- दिव्यांगजन के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कार्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर दिव्यांगजनों की यथासंभव सहायता करना।
- दिव्यांगजनों का आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवा कर उनका पुनर्वास करना।
- दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता लाने एवं उनका पुनर्वास करने के लिए सहायता समूह का गठन कर उनको प्रशिक्षण प्रदान करना ।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा हेतु प्रचार प्रसार व प्रशिक्षण प्रदान करना।
- चिकित्सा व परामर्श के शिविरों का आयोजन करना ।
- दिव्यांग का प्रमाण पत्र की नई दिशा निर्देश के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना।